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Online Shiksha Kya Hai : ऑनलाइन शिक्षा क्या है

Online Shiksha Kya Hai

परंपरागत शिक्षा के तौर तरीके अब लगभग पूरी तरह से बदल गये हैं। कंप्यूटर युग ने दुनियाँ में एक क्रांति ला दी है। वैज्ञानिक तकनीक ने मनुष्य की शिक्षा पद्धति को सरल बना दिया है। 

वर्तमान समय में सभी शिक्षण संस्थान ई-टेक्नोलॉजी को ग्रहण कर रहे हैं। क्योंकि ऑनलाइन टेक्नोलॉजी के प्रयोग से कई घंटो के कार्य कुछ सेकेंड में सफल हो जाते हैं। 

सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का एक बड़ा माध्यम ऑनलाइन एजुकेशन बन गया है। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनो के समय एवं ऊर्जा की बचत होती है। 

कंप्यूटर एवं इंटरनेट की सहायता से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना ऑनलाइन शिक्षा कहलाता है। शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच इंटरनेट, डेस्कटॉप, टैबलेट, मोबाइल आदि की सहायता से विद्या का आदान प्रदान करना ई-लर्निंग या ऑनलाइन एजुकेशन कहलाता है।

Online Shiksha Kya Hai(ऑनलाइन शिक्षा क्या है)

  • ऑनलाइन शिक्षा, परम्परागत शिक्षा व्यवस्था प्रणाली का एक सुनहरा विकल्प(Alternative) है। इसमें छात्रों को स्कूल, कॉलेज और कोचिंग क्लास नहीं जाना पडता। उन्हें घर बैठ वर्चुअल क्लास के माध्यम से पढ़ाया जाता है। इसलिए इसे ई-लर्निंग के नाम से भी जाना जाता है। 
  • ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान इंटरनेट तकनीक की सहायता से विद्या अध्ययन करने का एक सरल माध्यम है। जिसमें कंप्यूटर, स्मार्ट फोन एवं इंटरनेट के द्वारा एक स्थान पर बैठकर दूर स्थान पर बैठे व्यक्ति को शिक्षा प्रदान की जाती है।
  • मोबाइल/कंप्यूटर, स्पीकर, माइक्रोफोन और इंटरनेट ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के लिए आवश्यक साधन है। इनके अभाव में यह शिक्षा प्रणाली असंभव है।
  •  ऑनलाइन शिक्षा की सहायता से घर बैठे 24 घंटो एवं सप्ताह के 7 दिनों में किसी भी समय में ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। दिन हो या रात यह सुविधा प्रत्येक क्षण उपलब्ध है।
  • ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था में विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों को ई-क्लास पढाने के लिए पूछना होता है। इस प्रक्रिया में क्लास की टाइमिंग सुनिश्चित करने के विकल्प विद्यार्थी के पास होते है।
  • रिवीजन करने के लिए विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास लेक्चर को डाउनलोड कर पुनः देख सकता है। इसलिए ऑनलाइन शिक्षा परम्परागत शिक्षा से ज्यादा लाभदायक सिद्ध हुई है।
  •  जिनके स्थानों पर स्कूल सेवा उपलब्ध नहीं है, ऐसे स्थानों पर आनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की जाती है।
  •  ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा देसी छात्र विदेशी संस्थानों से प्रोफेशनल कोर्स, डिग्री, और डिप्लोमा की कोचिंग प्राप्त करते है। इसलिए इसे ग्लोबल लेवल की शिक्षा व्यवस्था कहा जाता है।
  •  विश्व स्तर पर ऑनलाइन शिक्षा डेटा इकट्ठा कर के संयुक्त राष्ट्र जैसे बड़े ऑर्गेनाइजेशन विश्व में शिक्षा व्यवस्था की दशा पर जानकारी प्राप्त करते है। जिससे उन्हें शिक्षा में आवश्यक सुधार करने के आंकड़े तैयार करने में सहायता मिलती है। इन आंकड़ों की सहायता से सभी देशो को शिक्षा व्यवस्था बनाने में सहायता मिलती है।
  •  ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली उन लोगों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जो नौकरी करने जाते है। समय की कमी के कारण परम्परागत कक्षा में उपस्थित नहीं हो सकते है। ऐसे लोगों के लिए ऑनलाइन शिक्षा एक अच्छा विकल्प है।
  • शहर में लॉकडाउन अथवा कर्फ्यू की स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा की उपलब्धता 24*7 बनी रहती है।

यह भी पढ़े – ऑनशिक्षा के नुकसान

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे  इस प्रकार है-

  • इसका एक बड़ा फायदा यह है कि, ऑनलाइन शिक्षा में कागज और स्याही वाली कलम का प्रयोग नहीं होता है। जिससे कागज व अन्य प्राकृतिक सामग्री की बचत होती है।
  • जिन स्थानों पर स्कूलों और कोचिंग सेंटर की सुविधाओं का अभाव है। वर्तमान में रिमोट क्षेत्र के प्रत्येक कोने तक ऑनलाइन शिक्षा पहुँचने में संभव है।
  • ऑनलाइन शिक्षा पद्धति में, परम्परागत शिक्षा प्रणाली की तरह विद्यालय में उपस्थित नहीं होना पड़ता। इससे समय की बचत होती हैं। आने-जाने की मेहनत एवं थकान से बचाव होता है। ऑटो रिक्शा आदि का खर्च बचता हैं
  • ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था पर गर्मी, बरसात, और ठंड के मौसम का कोई प्रभाव नहीं होता। क्योंकि, विद्यार्थी और टीचर दोनों ही अपने घरों से संवाद स्थापित करते है। उन्हे बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होती।
  • घर पर ऑनलाइन क्लास व्यवस्था होने से माता पिता को बच्चों की पढ़ाई पर निगरानी रखने में सहायता मिलती है। इससे अभिभावक टीचर से प्रतिदिन बच्चे की पर्फॉर्मेन्स जान सकते है।
  • ऑनलाइन ट्यूशन जॉब्स के माध्यम से पार्ट टाइम और फुल टाइम जॉब्स के अवसर प्राप्त होते है। विभिन्न छात्रों और शिक्षकों को घर बैठे ऑनलाइन कोचिंग रोजगार प्राप्त होते है।
  • अभिभावक अपने बच्चे पर विशेष ध्यान देने के लिए ऑनलाइन पर्सनल ट्यूटर हायर कर सकते है।
  •  इंटरनेट पर फ्री सामग्री उपलब्धता के कारण छात्र अपने विषयों से संबंधित जानकारी सरलता से प्राप्त कर लेते है। यह सामग्री इमेज, लेख, और विडियो के रूप में उपलब्ध होती है। छात्र इसे अपने मोबाइल, कंप्यूटर, अथवा क्लाउड डेटा पर स्टोर कर सकते है।
  • यूट्यूब चैनल पर जानकारी खोज कर ऑनलाइन वीडियो की सहायता से छात्र समस्या का समाधान खोज लेते है।

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान इस प्रकार है-

  • मोबाइल और इंटरनेट पर उपलब्ध आकर्षक सामग्री के कारण बच्चे पढ़ाई से दूरी बना लेते है। वे अपना अधिकतर समय मनोरंजन गतिविधियों पर खर्च करते है। जिससे उनका पढ़ाई के प्रति लगाव कम हो जाता है, और परीक्षा में असंतोषजनक रिजल्ट प्राप्त होता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था का एक बड़ा नुकसान यह है कि, इसमें सारा कार्य कंप्यूटर या मोबाइल डिजिटल डिवाइस स्क्रीन पर करना पड़ता है। इन डिवाइस की स्क्रीन से निकलने वाली किरणों से आंख की कोशिकाएं नष्ट होने की संभावना रहती है। जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
  • ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने के अलावा विद्यार्थियों ऑनलाइन गेम्स की लत में पड़ जाते है। इससे उनकी शिक्षा का नुकसान होता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा में घर से बाहर नहीं जाना पड़ता है। इसलिए शारीरिक गतिविधियां न होने से शरीर आलसी बन जाता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा में लगातार कंप्यूटर पर पढ़ाई करने से कमर व गर्दन में जकड़न पैदा हो जाती है। जिससे रीड की हड्डी में झुकाव आ जाता है। इससे व्यक्ति के शरीर का पोस्चर बिगड़ जाता है।
  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में अधिकतम कार्य डिजिटल होता है। जिसमें परम्परागत कॉपी-पेन की आवश्यकता नहीं होती है। सारा कार्य ऑनलाइन सॉफ्ट कॉपी में हो जाता है। इस कारण छात्रों के लिखने का अभ्यास छूट जाता है, और उनका लेख भी खराब हो जाता है। फलस्वरूप शब्दकोश, मात्राएं और वाक्यांश संबंधी त्रुटियाँ बढ़ जाती है
  • ऑनलाइन शिक्षा में खराब इंटरनेट स्पीड के कारण अध्यापक और छात्र के बीच संवाद टूट जाता है। इसके अलावा कई बार बेकार साउंड क्वालिटी(Voice Break) की समस्या भी उत्पन्न होती है।

ऑनलाइन ट्यूशन में जॉब्स के विकल्प

ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था ने रिमोट क्षेत्रों में ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम से रोजगार की तलाश कर रहे व्यक्तियों को घर बैठे रोजगार प्रदान किया है। प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों के लिए ऑनलाइन ट्यूशन बहुत ही कारगर सिद्ध हुई है। ऑनलाइन ट्यूशन के माध्यम से अध्यापक विद्यार्थियों को समय पर शिक्षा प्रदान करते है। इससे दो कार्य एक साथ होते है। पहला, व्यक्ति को धन प्राप्त होता है, दूसरा उसका विद्या ज्ञान बढ़ता जाता है। अतः हम कह सकते है कि, ऑनलाइन ट्यूशन घर पर रोजगार प्राप्त करने का बेस्ट तरीका है।

उपसंहार

ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था वर्तमान समय की आवश्यकता है। कंप्यूटर के जमाने में ऑनलाइन डाटा स्टोर करना बहुत सरल है। आजकल तो सभी विषयों की किताबें भी ऑनलाइन वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। बहुत सारी किताबें फ्री में उपलब्ध है तो, कुछ किताबे पैसे देकर खरीदनी पड़ती हैं। हम अपनी पसन्द की अध्ययन सामग्री मोबाइल या कंप्यूटर पर डाउनलोड कर पढ़ सकते हैं, और लंबे समय तक इस डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं। विद्यार्थियों को अगर कोई समस्या आती हैं तो वे गूगल पर सर्च कर लेते हैं। गूगल सूचनाओं का भंडार हैं। इस आधुनिक युग में हम किसी भी प्रश्न का उत्तर गूगल पर सर्च कर सकते हैं। और अपनी समस्या के संतुष्टिजनक हल प्राप्त करते है।

कोरोना वायरस महामारी में ऑनलाइन एजुकेशन एक सफल स्रोत के रूप में उभरकर आयी। स्कूल कॉलेज के बंद हो जाने के कारण विद्यार्थियों का बहुत अधिक नुकसान हुआ है। बहुत से विद्यार्थियों की बोर्ड की परीक्षाएं अपूर्ण रह गयी। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा सहायक सिद्ध हईं हैं। ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था ने बच्चों को स्कूल और कॉलेज बंद होने के कारण हुए नुकसान से बचाया हैं। छात्रों ने सभी विषयों के ऑनलाइन ट्यूशन प्राप्त किये।

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