तनाव एक बहुत ही गंभीर किस्म की मानसिक स्थिति हैं। जिसमें व्यक्ति हमेशा चिंता में खोया रहता है। परिणाम स्वरूप उसका किसी भी कार्य में मन नहीं लगता हैं। वह बहुत ही निराश व अकेला महसूस करता है। व्यक्ति को अपना जीवन बोझ दिखाई देने लगता है।
टेक्नोलॉजी बढ़ने के कारण मनुष्य अधिक से अधिक पैसा व शोहरत कमाना चाहता है। पैसा जीवन जीने के लिए बेहद जरुरी है, युवाओं के बीच बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है जिस कारण युवा तनाव का शिकार हो जाते है। माता-पिता अपने बच्चो के भविष्य के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं क्योंकि अगर व्यक्ति के पास एक अच्छा रोजगार होगा तभी उसका जीवन भी तनाव मुक्त हो पाएगा।
तनाव दूर करने के उपाय
तनाव दूर करना बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए आप निम्न तरीके अपना सकते हैं।
- प्रतिदिन योग करने से तनाव नष्ट हो जाता है
- सोशल मीडिया वेबसाइट से दूर रहने पर तनाव गायब हो जाता है।
- तनाव महसूस होने पर स्मार्ट फोन व इंटरनेट का प्रयोग कुछ दिनो के लिए बंद कर दे।
- प्रतिदिन जिम में व्यायाम करने से तनाव दूर हो जाता है।
- कोई खेल (फुटबॉल,क्रिकेट, बैडमिंटन आदि) खेलने से तनवा एकदम नष्ट हो जाता है.
- सुबह के समय पेड़ पौधे के बीच घूमने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन मात्रा बढ़ जाती है जिससे तनाव दूर हो जाता है।
- ओंकार का जाप करने से तनाव में तुरंत फायदा मिलता है.
- दौड लगाना से शरीर के हार्मोन तनाव को दूर कर देते है।
- संगीत सुनने से व्यक्ति के मन में अच्छे भाव पैदा होते है और तनाव दूर हो जाता है.
- अच्छा व पौष्टिक भोजन करने से मन प्रसन्न हो जाता है, एवं तनाव गायब हो जाता है.
- तनाव महसूस होने पर व्यक्ति को तुरंत ही सो जाना चाहिए, यह तनाव दूर करने का रामबाण है.
- अच्छी जगहों पर यात्रा करने से तनाव गायब हो जाता है.
- जॉब के कारण तनाव होने पर छुट्टी ले लेनी चाहिए.
- प्राकृतिक दृश्यों व स्थानों से जुड़े रहने से तनाव भाग जाता है.
- प्रतिदिन कुछ समय परिवार के सदस्यों के लिए देना चाहिए.
तनाव दूर करने के लिए संगीत से मित्रता करें
संगीत एक ऐसी विद्या है जो प्रत्येक प्रकार के मानसिक तनाव को दूर कर सकती हैं। संगीत के द्वारा हृदय को अच्छा अनुभव प्राप्त होता हैं। अतः संगीत सुनना व संगीत गायन से हमारे मस्तिष्क में खुशी वाला हार्मोन स्रावित होता है, यह हार्मोन शरीर के विभिन्न अंगों को ठीक कर के तनाव का नाश करता हैं। संगीत मन को प्रफुल्लित कर देता हैं एवं जीवन को नई दिशा प्रदान करता हैं। यह व्यक्ति के मन को उमंग से भरकर नकारात्मक विचारों का नाश व सकारात्मक विचारों का उदय करता हैं।
तनाव के लक्षण
- उदास अथवा हमेशा निराश रहना तनाव का लक्षण है
- कम नींद आना तनाव का लक्षण है.
- हमेशा चिड़चिड़ा रहना।
- बहुत अधिक क्रोध आना।
- किसी भी कार्य में मन ना लगना।
- रात को सोते समय बेचैनी महसूस होना।
- भ्रमित रहना।
- दिनभर कल्पना में खोये रहना।
- आत्मविश्वास का लगातार कम होना।
- भूख कम लगना।
- लम्बे समय तक बहुत अधिक डरपोक बने रहना।
- अकेलापन महसूस करना।
- लोगो व करीबियों से बातचीत बंद कर देना तनाव का लक्षण है.
तनाव क्या होता है
तनाव होने के बहुत से कारण हैं। आधुनिक काल में मनुष्य की जीवनशैली बहुत ही अस्त व्यस्त हो गयी है। लोग ज्यादा से ज्यादा सुख सुविधा पाने की होड़ में लगे हैं। इसके लिए वे अधिक पैसा कमाने के तरीके खोजते रहते हैं। वे समझते है कि आधुनिक सुख सुविधाओं को अपनाने से जीवन खुशहाल होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। सारी सुख सुविधा पाने पर भी लोगों की चिंताएं समाप्त नहीं होती है। ऐसा नहीं है कि केवल पैसा ही तनाव का कारण है। वे सभी लोग जो संपन्न अथवा अमीर है वो भी तनाव से कही ना कही ग्रस्त हैं। मनुष्य अपनी न्यूनतम जरूरतों से अधिक सब कुछ पा लेना चाहता है। यही तनाव का मुख्य कारण बन जाता हैं। जिसकी आवश्यकता जितनी अधिक बढ़ेगी उसका जीवन उतना ही अधिक तनावग्रस्त होता जाता है।
तनाव के मुख्य कारण
आजकल लगभग प्रत्येक व्यक्ति तनाव से ग्रस्त हैं। इसका कारण हमारी आधुनिक लाइफस्टाइल हैं। आधुनिक युग में मनुष्य बहुत अधिक व्यस्त हो गया है जिस कारण उसका मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बेकार होता जा रहा। तनाव के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार है.
- धन की कमी होना।
- बेरोजगारी
- इंटरनेट व सोशल मीडिया तनाव का एक मुख्य कारण है यह नकारात्मक जानकारी से भरा पड़ा है, जिस कारण ये मनुष्य के विचारों को ठेस पहुंचाते है और व्यक्ति तनाव से पीड़ित हो जाता है।
- गंभीर बीमारी से लम्बे समय तक ग्रस्त रहना।
- पारिवारिक समस्या का निवारण न होना
- ऋण संबंधी समस्या से जूझना।
- वैवाहिक संबंध खराब हो जाना।
- मनचाहा करियर या रोजगार न मिलना।
- परीक्षा में असफल होने का भय होना।
ज्यादा टेंशन लेने के नुकसान
ज्यादा टेंशन लेने से मनुष्य की स्मृति में विकार जाता है। ऐसा व्यक्ति अधिक आलसी बन जाता है। वह उदास रहने लगता है, उसके मन में सदैव नकारात्मक विचार आते रहते है। जीवन में दुःख नजर आता है। तनावग्रस्त व्यक्ति का आचार विचार खराब हो जाता है और वह अकेले रहना पसंद करता है। तनाव के कारण व्यक्ति को घबराहट और अनिद्रा महसूस होने लगती है। वह छोटी सी बात पर दूसरे व्यक्तियों से झगडा करता है। तनाव के कारण व्यक्ति काल्पनिक दुनिया में खोया रहता है। तनाव से पाचन क्रिया सही से कार्य नहीं करती है, पेट खराब रहने लगता है, हृदय की धड़कन तेज होने लगती है। तनाव के कारण मनुष्य नकारात्मक सोचने की बीमारी से ग्रस्त हो जाता है उसका किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है।