Education

Global Warming Essay Hindi – ग्लोबल वार्मिंग के मुख्य कारण

Global Warming Essay Hindi

ग्लोबल वार्मिंग एक अत्यधिक विकट समस्या है जो दिन प्रतिदिन गंभीर रूप धारण कर रही है। इस समस्या का कारण केवल और केवल मनुष्य ही हैं। मनुष्य अपने स्वार्थ में इतना अधिक डूबा हुआ है कि उसे न तो प्रकृति संतुलन का ध्यान है और ना ही अन्य जीवों का।

अपने लाभ के कारण मनुष्य ने जंगलों,नदियों, पहाड़ो, जानवरो, पेड़-पौधो आदि प्राकृतिक सम्पदाओं का नाश किया हैं। जिस कारण प्राकृतिक संसाधनों का अभाव उत्पन्न हो गया है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पर्यावरण में उपस्थित गैसों के असंतुलन हो गया है, जिससे पृथ्वी के तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि हो गई है। इसलिए पृथ्वी पर अत्यधिक गर्मी का होना, ग्लेशियर का पिघलना और समुद्र जलस्तर में वृद्धि होना जैसे हानिकारक घटनाएं देखने को मिल रही है।

ग्लोबल वार्मिंग के मुख्य कारण

  • ग्लोबल वार्मिंग का एक मुख्य कारण वायुमंडल में सी. एफ. सी. (Chlorofluorocarbons) के स्तर में लगातार बढ़ोतरी का होना है। जिस कारण हमारी पृथ्वी के तापमान में भी सामान्य से अधिक वृद्धि होती जा रही है। फलस्वरूप प्रतिवर्ष मौसम चक्र नकारात्मक रूप से बदलता जाता है।
  • विज्ञान व तकनीक के इस युग में मनुष्य द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के संसाधन मनुष्य के जीवन को सरल तो बना रहे है लेकिन प्रकृति व पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान भी पहुंचा रहे हैं।
  • रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर व अन्य प्रकार के ऐसे सभी साधन जो ठंडा करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं। ये सभी विषैली सी एफ सी गैस का उत्सर्जन करते है।
  • इसके अलावा फैक्ट्रियों से निकलने वाला जहरीला धुँआ भी ग्लोबल वार्मिंग का एक कारण हैं। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य खतरनाक गैसें बड़े पैमाने पर निकलती हैं।
  •  लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण सभी ऋतुओं का संतुलन गंभीर रूप से बिगड़ गया है। लगातार जंगलों के कटाव के कारण पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी व कार्बन डाइऑक्साइड गैस की बढ़ोतरी होती जा रही है। परिणाम यह है कि ऋतुओं का संतुलन बिगड़ गया है। अत्यधिक गर्मी होना, कम बरसात का होना, बिना मौसम के वर्षा होना, सूखा पड़ना आदि ग्लोबल वार्मिंग के ही कारण है।
  • मनुष्य ने अपने फायदे के लिए जंगलों को बड़े स्तर पर नष्ट कर वहां पर बस्ती, कारखाने, फैक्ट्री, बड़ी-बड़ी इमारतें, शॉपिंग मॉल बना दिये हैं। इन सबसे निकलने वाले खतरनाक व जहरीले कचरे, अत्यधिक ध्वनि ने बड़े स्तर पर इस पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है, इसलिए आज ग्लोबल वार्मिंग समस्या उत्पन्न हो गई है। मानव जाति के इस विकास रुपी ढांचे ने अन्य जीवों के जीवन को भी कठिन बना डाला है।
  • डिफोरेस्टेशन, कूड़ा कचरा जलाना, चूल्हे अथवा भट्टी से निकलने वाला धुआँ, डीजल जनरेटर का प्रयोग, प्लास्टिक जलाना पर निकली जहरीली गैसे व धुआँ, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस  व उत्पादों से निकलने वाला रेडिएशन, बस व गाड़ियों से निकलने वाला पेट्रोल अथवा डीजल युक्त धुआँ, परमाणु भट्टी से उत्सर्जित रेडियोधर्मी विकिरण, वाहनो व गाड़ियों की बढ़ती हुई संख्या व उनके प्रयोग से उत्सर्जित धुएं के रूप में कार्बन, हाइड्रोजन के  ऑक्साइड  आदि ग्लोबल वार्मिंग जैसी परिस्थितियों के लिए उत्तरदायी हैं।

जनसंख्या वृद्धि ग्लोबल वार्मिंग का एक मुख्य कारण है

लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या बहुत सारी समस्याओं का कारण बनती जा रही है। इनमें से एक समस्या ग्लोबल वार्मिंग हैं।

धरती पर मनुष्यों की अत्यधिक संख्या वृद्धि होने से उन्हें रहने के लिए घर, खाने के लिए भोजन आदि की जरूरतों में भी वृद्धि होती जाती है। परिणाम स्वरूप मनुष्य जंगलों, खेतों, घास के मैदान, तालाब, आदि को नष्ट करता जा रहा है। जिस कारण खाद्य पदार्थ, अन्न व जल की कमी का संकट पैदा होने की आशंका बढ़ गई है। लेकिन मनुष्य भविष्य में पैदा होने वाली इन सब समस्याओं से अनभिज्ञ हैं। वह अपने स्वार्थ में इतना डूबा हुआ है कि आने वाले संकटों से उसे कुछ लेना देना नहीं।

ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय

ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों की सरकारों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता हैं। सभी देशों की सरकारों व अन्य विश्व स्तरीय संस्थाओं को आपस में विचार विमर्श करके व एक दूसरे को सहायता पहुँचाकर ही इस संकट से उबरा जा सकता हैं।

सरकार को सभी राज्यों में एक्सपर्ट की कमेटी बनाकर यह जांच करनी चाहिए कि औद्योगीकरण का नकारात्मक प्रभाव पर्यावरण को किस प्रकार हानि पहुंचा रहे है। विकास व तकनीकी की होड़ में पर्यावरण का क्या नुकसान हो रहा हैं। जांच कमेटी की फाइनल रिपोर्ट के पश्चात सरकार द्वारा उन सभी क्रियाकलापों को बंद कर देना चाहिए जो ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण बन जाते है।

उन्हे यह तय करना होगा कि कारखानो, मिल, प्रयोगशाला, पेट्रोल व डीजल से चलने वाले वाहन, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर आदि से निकलने वाली जहरीली गैसों से पर्यावरण को कैसे बचाया जा सकता हैं। कैसे इनके प्रयोग को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता हैं। कैसे वायु व जल को शुद्ध किया जा सकता है। शहर में कहाँ पर और कितनी दूरी पर कारखाने लगाने चाहिए। ये सभी महत्वपूर्ण बिन्दु है जो ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की दिशा में सरकार को करने चाहिए।

हालांकि बहुत से देशों की सरकारें व विश्व स्तर की संस्था इन सब पर काम कर रही हैं। लेकिन कुछ देश अभी भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से पर्यावरण को बचाने के उपाय

सरकार व लोगो दोनो को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता हैं। सरकार कठोर कानून व नीतियां बनाएं और उसे पूरे जोर शोर से लागू करे। जनता इन कानूनों पर अमल करे, समाज के सभी प्रसिद्ध व वरिष्ठ व्यक्तियों का दायित्व यह है कि वे सरकार द्वारा बनाई गयी नीतियों पर अमल करने के लिए लोगो को प्रेरित करें। साथ ही अगर कोई सकारात्मक सुझाव अथवा जनता द्वारा कोई माँग हो तो उसे सरकार तक पहुँचाये। इसके अलावा सभी विद्यालयों व कॉलेजों में पर्यावरण से सम्बन्धित सभी शिक्षकों का यह दायित्व बनता है कि वे विद्यार्थियों को पर्यावरण का रक्षण करने की उचित शिक्षा प्रदान करे।

साथ ही समस्त नगरवासी एवं विद्यार्थी पेड़-पौधे, वृक्ष लगाना, जल संरक्षण आदि क्रियाकलाप समय-समय पर करते रहे। वैसे तो सभी नागरिकों को प्रतिवर्ष कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाना चाहिए। और प्रत्येक नागरिक को यह भी कोशिश करनी चाहिए कि वह अपनी ओर से कम से कम मात्रा में प्रदूषण करें, तथा अधिक से अधिक पर्यावरण संतुलन बनाने में सहायक बने।

निष्कर्ष

हमें शिक्षकों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और अन्य बुद्धिमान लोगों को आपस में जोड़कर एक दूसरे से विचार विमर्श करके कार्य करने की जरूरत हैं।

नदियों, जंगलों, पेड़ पौधे, जीव जंतुओं व प्रकृति को कैसे बचाये और विज्ञान व तकनीक का भी जीवन में सुचारू रूप से प्रयोग कैसे करे इन सब पर गंभीरता के साथ काम करना होगा।

जब तक प्रत्येक नागरिक व सरकार लगातार मिलजुलकर प्रयास नहीं करेंगे तब तक बहुत अधिक फायदा नहीं होने वाला। हम केवल सरकार को दोष नहीं दे सकते क्योंकि सरकार तो केवल नियम व कानून बना सकती है और उसे लागू कर सकती है। लेकिन जनता उस पर कितना अमल करती यह विचार करने योग्य है। वास्तविकता तो यह है कि जनता कहीं ना कहीं सरकारी कानून का उल्लंघन करती ही हैं। इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता हैं।

इसके अलावा भ्रष्टाचार के कारण बहुत सारे अमान्य कार्य मान्य रूप में किये जाते है। जो पर्यावरण व हम सभी के लिए नुकसानदेह होते हैं। जो लोग पर्यावरण का नाश कर रहे है या फिर किसी भी प्रकार से पर्यावरण के नाश में सहायक बन रहे हैं ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त जुर्माना व सजा का तुरंत प्रावधान होना चाहिए। ताकि लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके। सरकार को सख्त कानून बनाने ही होंगे।

एक बात अवश्य याद रखे ये पृथ्वी व इसके संसाधन केवल मनुष्य के उपयोग के लिए नहीं हैं। इस धरती पर जन्मे सभी जीवो का इस धरती पर उतना ही अधिकार है जितना मनुष्य का।मनुष्य व अन्य सभी जीव पृथ्वी पर स्थित जीवन को सुचारू रूप से चलाने में एक दूसरे के सहायक हैं। अतः सभी मनुष्यों का यह कर्तव्य है कि पृथ्वी, उसके सभी संसाधन व अन्य जीवों की भी सुरक्षा व संरक्षण करे।

यह भी पढ़े-

भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय

Leave a Comment

Your email address will not be published.

You may also like

post-image
Business

Digital Marketer Kaise Bane : डिजिटल मार्केटिंग में करियर

Digital Marketer बनने के लिए आपको कंटेंट राइटिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन, गूगल एडवर्ड्स, सोशल मीडिया मार्केटिंग...