Health

Yoga Karne Se Kya Fayda Hota Hai रोज योग करने के फायदे

Yoga Karne Se Kya Fayda Hota Hai

यहाँ सबसे पहले योग के फायदे  एवं लाभ के बारे में लिखा गया है। प्रत्येक व्यक्ति को सुबह अथवा सायंकाल को खाली पेट योग अवश्य करना चाहिए। यह शरीर को फिट रखने में अत्यंत सहायक है। 

योग करने के फायदे

योग करने के फायदे ये है-

  • योग शरीर, मन और बुद्धि को स्वस्थ व प्रसन्न रखता है। यह मनुष्य को तेजस्वी एवं ओजस्वी बनाता है। व्यक्ति के प्रसन्न होने से उसके सभी कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न होते है। 
  • योग से शरीर निरोगी हो जाता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में खुशी का संचार होता है। योग व्यक्ति को महान बना देता है। उसके कार्य करने, सोचने एवं निर्णय लेने की शैली को श्रेष्ठ बनाता है। 
  • प्रतिदिन योग करने से मनुष्य के सभी मानसिक क्लेश नष्ट हो जाते हैं। 
  • योगासन के माध्यम से ध्यान में परिपक्वता आ जाती है। यह मन की चंचलता को दूर करता है।
  • विद्यार्थियों के लिए योग अमृत के समान है। प्राणायाम योग करने से बुद्धि की स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए छात्रों को प्रतिदिन प्राणायाम करना चाहिए।
  • शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति योग साधना कर ब्रह्मचर्य का पूर्णतः पालन करता है। ऐसा व्यक्ति दीर्घ आयु, बलवान और परम सौंदर्य को प्राप्त करता है।
  • योग करने वाले व्यक्ति के शरीर में सत्व गुण की बढ़ोतरी हो जाती है। जिससे व्यक्ति का अन्तःकरण शुद्ध होता है, और वह व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग की ओर प्रशस्त होने लगता है।
  • योग से शरीर की वृत्तियों पर विजय पाकर इंद्रियों को जीता जा सकता है। इससे मन वश मे हो जाता है। 
  • लम्बे समय तक युवा रहने के लिए योग अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है।
  • प्राणायाम और योगासन की सहायता से विभिन्न प्रकार के रोग- शुगर, ब्लड प्रेशर, कब्ज, मोटापा आदि को ठीक किया जा सकता है। 
  • योग द्वारा कोई भी व्यक्ति मोक्ष से परम आनंद प्राप्त कर सकता है।
  • योग द्वारा मनुष्य का तन व मन शुद्ध हो जाता है। ऐसे व्यक्ति का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। ना ही कोई बीमारी उसे छू सकती है, ना ही कोई अवगुण। ऐसा व्यक्ति समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है। लोग ऐसे व्यक्ति के उदाहरण देने लगते है। जिस कारण उस व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है। और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ाने का अर्थ है कि समाज में उस व्यक्ति की ख्याति का विस्तार होना।

यह भी पढ़े- सूर्य नमस्कार करने के फायदे

योग क्या होता है

योग का अर्थ है, जोड़ना अर्थात शरीर के माध्यम से आत्मा को ईश्वर से जोड़ना ही योग का अर्थ एवं लक्ष्य है। योग भारतीय सभ्यता का प्रतीक है। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम व सुदृढ बनाता है। यह विचारों में शुद्धता लाता है। जिसके विचार शुद्ध हो गये उसे महान बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

भगवत गीता के अध्याय 6 श्लोक 23 में श्री कृष्ण योग का अर्थ समझाते है-

“तं विद्याद् दुःखसंयोगवियोगं योगसंज्ञितम्। स निश्चयेन योक्तव्यो योगोऽनिर्विण्णचेतसा।।6.23।।”

अर्थ- उस दुःख-स्पर्श मात्र से वियोग का नाम योग है, वैराग्यवान चित्त वाले  व्यक्ति को योग का निश्चय से अभ्यास करना चाहिए।

अर्थात दुःखों से छूटने का नाम ही योग है, जो व्यक्ति अपने विवेक से अपने मन, इन्द्रियों को वश में कर लेता है सांसारिक दुःखों के मायाजाल से छूट जाता है।

योग करने से क्या होता है

मनुष्य को प्रतिदिन योग करने से से ढेरों मानसिक, बौद्धिक, आत्मिक एवं शारीरिक लाभ प्राप्त होते है; यह एक ऐसा प्राचीन विज्ञान है, जिसके द्वारा मनुष्य सभी रोगों से छुटकारा पा सकता है। यदि कोई व्यक्ति सही एवं सतत प्रयास से योग को अपने जीवन का अंग बना लेता है तो, वह व्यक्ति योग द्वारा संसार के मायाजाल, सुख-दुख और क्लेश से छुटकारा पा लेता है। सही प्रक्रिया से योग करने पर मन एवं शारीरिक इंद्रियों पर अंकुश लग जाता है, अर्थात मनुष्य इन्हे अपने वश में कर लेता है; फलस्वरूप वह मनुष्य ब्रह्मचर्य को प्राप्त कर दीर्घायु, निरोगी तन एवं परमानंद की स्थिति को प्राप्त हो जाता है। योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने मात्र तक सीमित नहीं है, अपितु यह तो एक अमृत के समान है जिसने इसके रहस्य को समझ लिया वह संसार के सभी दुखों से छुटकारा प्राप्त कर लेता है, और सदा हर्ष भरा जीवन व्यतीत करता है।

  • योग शरीर में रक्त संचार को संतुलित रखता है, योग करने वाले व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता सामान्य व्यक्ति से कहीं अधिक गुना बढ़ जाती है, जिससे उसका शरीर निरोगी हो जाता है।
  • योग करने से प्रतिदिन कार्यो के कारण होने वाले तनाव से मुक्ति मिलती और व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है।
  • योग करने के प्रथम दिन से ही मनुष्य को इसके लाभ प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते, वह व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक स्तर पर हल्केपन का अनुभव करता है।
  • प्रतिदिन योग करने से नींद से सम्बन्धित समस्याओं का नाश होता है, व मनुष्य गहरी निद्रा के आनंद को प्राप्त करता है।
  • योग करने से शरीर के सत्व गुण में वृद्धि होती है, फलस्वरूप मनुष्य के स्वभाव में दयालुता, शांति, स्थिरता एवं मुख-तेज में वृद्धि हो जाती है।

योग का महत्व

योग का इतिहास, भारतीय प्राचीन परम्परा से जुड़ा है। वैदिक काल से ही ऋषि-मुनि योग के सहारे अनेक शक्तियां अर्जित कर लेते थे। ऐसा कर के वे उन्हे समाज कल्याण में उपयोग करते थे। योग सिद्ध हो जाने से ईश्वर प्राप्ति की जा सकती है। योग ईश्वर प्राप्ति करने के विकल्पों में से एक विकल्प है। योग शरीर और मन पर पूर्णतः संतुलन प्रदान करता है। शरीर को एकदम स्वस्थ व लचीला बना देता है। योग दर्शन महान ऋषि पतंजलि द्वारा लिखा गया है।

ऐसा माना जाता है कि मनुष्य के शरीर में करोड़ों नस-नाडिया है। जो बहुत ही सूक्ष्म अवस्था में है। जिन्हें देखा नहीं जा सकता है। लेकिन योग की मदद से इन नस-नाड़ियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह तो सभी जानते है कि हमारा शरीर बहुत महीन व सूक्ष्म कणों से मिलकर बना है। ऐसे में योग के द्वारा हम इस क्रिया को समझ सकते है।

Yoga Karne Se Ke labh

बहुत से लोग योग का मतलब सिर्फ शरीर के अंगों को खींचना(stretching) समझते हैं। लेकिन जो ऐसा सोचते हैं वह बिल्कुल गलत है। योग का सत्य तो इससे बिल्कुल अलग है। योगासन करने से शरीर स्वस्थ होता है।

शरीर स्वस्थ व मजबूत होगा तभी कोई कार्य अच्छे से सफल होगा। क्योंकि शरीर और मन की कमजोरी ही असफलता का कारण बनती है। इसलिए योग को भारत में जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। योगासन के अलावा प्राणायाम भी योग का ही एक हिस्सा है।

 योग में प्राणायाम का महत्व

प्राणायाम करने से मन एवं शरीर स्वस्थ, सुंदर, ऊर्जावान व हर्ष से भर जाता है। यह मुख-मंडल का तेज और ओज में वृद्धि करता है। प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का संतुलन ठीक रहता है। जिससे कई श्वास संबंधी बीमारियाँ स्वतः ही ठीक हो जाती है। कपालभाति, भस्त्रिका, अनुलोम विलोम प्राणायाम के ही प्रकार है। इन्हे प्रतिदिन 15-30 मिनट करने से शरीर को ऊर्जावान अनुभव होते है। 

प्राणायाम करने के फायदे-

  • श्वास संबंधी रोग ठीक हो जाते है।
  • नाक के रोग ठीक होते है।
  • कान के रोग ठीक होते है।
  • गले के रोग ठीक होते है।
  • हृदय संबंधी रोगों का नाश होता है।
  • पेट के रोग ठीक होते है।

इसके अलावा भी प्राणायाम करने से विभिन्न प्रकार के रोगों का नाश स्वतः ही हो जाता है। लेकिन, इसके ये  फायदे तभी मिलते है। जब हम समय अनुसार प्रतिदिन योग सही तरीके एवं नियम से करते है।

सुबह अथवा शाम का समय योग के लिए सबसे अच्छा होता है। अगर कोई सुबह योग नहीं कर पाता तो वह शाम को योगाभ्यास कर सकता है। इसके अलावा अच्छा आहार की भी जरूरत होती है। क्योकिं योगाभ्यास करने से शरीर की बहुत सी ऊर्जा नष्ट होती है। इसलिये अच्छे भोजन की जरूरत पड़ती है।

योग करने का नियम

योग करने के नियम एक महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। जैसा कि हमने अभी बताया है कि प्रात काल का समय सबसे अच्छा होता है। इसके अलावा अगर आप  प्रातःकाल योग नहीं करना चाहते तो सायकाल भी कर सकते हैं। ध्यान रखें कि सुबह शाम खाली पेट योग करें। अगर शाम को योग करे तो कम से कम 3-4 घंटे पहले तक कुछ ना खाएं। अगर दोपहर को भोजन किया तो शाम को 5-6 बजे योग कर सकते हैं। क्योंकि भोजन को पचने में 4-5 घंटे का समय लगता है। आप चाहे तो पेय पदार्थ (जूस,चाय,कॉफी आदि) योग करने से 1 घंटे पहले तक ले सकते है।

  • योग सुबह व सायकल ही करे।
  • कोशिश करे कि खाली पेट व्यायाम करें।
  • योग करने से पहले एक बार फ्रेश(शौच) कर ले।
  • योग करने का स्थान हवादार, स्वच्छ व शांत हो।
  • चटाई अथवा गद्दे का प्रयोग योग करने में करे।
  • बुखार आदि की स्थिति में योग अभ्यास न करे।
  • शरीर में किसी प्रकार गंभीर बीमारी होने पर expert की सलाह में अभ्यास करें।
  • हल्के वस्त्रों में ही योग अभ्यास करें।
  • योगासन करने के कम से कम 30 मिनट बाद खाये ।
  • व्यायाम करने के बाद पेशाब जाये।
  • तुरन्त स्नान ना करे। कम से कम 30 बाद स्नान करें।

    यह भी पढ़े- ध्यान करने के फायदे

    योग के लाभ कितने दिनों में मिलते है?

    योग के हल्के लाभ पहले दिन से ही मिलने शुरू हो जाते है, पूर्णतः लाभ 1-3 महीने में मिलने लगता है। किन्तु योग से संपूर्ण लाभ तभी मिलता है जब इसे सही ढंग से किया जाता है।

    क्या योग करने से कोई नुकसान होता है?

    नही, योग करने से कोई नुकसान नहीं होता है योग तो सभी बीमारियों को ठीक करने का साधन है, परंतु योग करते समय सावधानियां रखना बहुत आवश्यक है।

    योग किस समय करना चाहिए?

    योग करने का सबसे उत्तम समय प्रातःकाल 4-7 बजे का है। सुबह योग करने से शरीर दिनभर ऊर्जा से भरा रहता है और रात में समय पर नींद आ जाती है।

    क्या योग करने से पहले मैं कुछ खा सकता हूँ?

    नहीं, बिल्कुल नहीं योग करने के लिए खाली पेट होना अति आवश्यक है, भोजन करने के बाद योग नहीं करना चाहिए इससे शरीर को नुकसान पहुंचने की संभावना होती है।

    सबसे पहले कौन सा योग करना चाहिए?

    सबसे पहले सूक्ष्म योगासन करना चाहिए इससे शरीर के जोड़ों एवं मांसपेशियों का तनाव कम हो जाता है, उसके पश्चात कठिन वाले योग क्रमानुसार करने चाहिए; कठिन आसनों में शीर्षासन और सर्वांगासन सबसे पहले कर ले और अंत में प्राणायाम करना उचित माना जाता है।

    क्या योग में प्राणायाम से हानि होती है?

    नहीं, बिल्कुल भी नहीं योग में प्राणायाम से कोई हानि अथवा समस्या नहीं होती है; यदि प्राणायाम को उसके  नियमानुकूल सही से किया जाये तो इससे मनुष्य को कोई हानि नहीं होती, अपितु उसे अत्यंत महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होते है। इसलिए प्राणायाम शुरू करने से पहले उसके नियमों का सही से अध्ययन कर ले, आवश्यकता पडने पर किसी अनुभवी योगाचार्य से शंका समाधान करें।

    Leave a Comment

    Your email address will not be published.

    You may also like

    post-image
    Business

    Digital Marketer Kaise Bane : डिजिटल मार्केटिंग में करियर

    Digital Marketer बनने के लिए आपको कंटेंट राइटिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन, गूगल एडवर्ड्स, सोशल मीडिया मार्केटिंग...